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DTP

Sunday, August 28, 2022

Tally.ERP 9 Financial Accounting

Tally.ERP यह Financial Accounting Software हैं Financial Year 1 April से 31 March तक होता है Accounting में Tally सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है, Tally.ERP 9 यह Tally Solution Private Ltd. Company का सॉफ्टवेयर है, टैली के संस्थापक Shyam Sunder Goenka है, टैली की शुरुआत 1986 में हुई टैली का मुख्यालय बैंगलोर (कर्नाटक) इंडिया में है, टैली सॉफ्टवेयर का विशेष कार्य किसी भी कंपनी में लेन-देन की सभी जानकारी जैसे:>--> कंपनी हिसाब, कार्यालय किराया, वेतन व्यय, बिजली व्यय, बैंक लेनदेन, लेखा वाउचर जर्नल प्रविष्टि, भुगतान प्रविष्टि, रसीद प्रविष्टि, कॉन्ट्रा प्रविष्टि, टैक्स चालान जैसे -- GST, CGST, SGST, IGST, VAT, TCS, Service Tax, Payroll, Excise, TDS, आदि ये सब फीचर टैली.ईआरपी 9 में मोजुद है टैली के काफ़ी वर्जन है। विस्तार से जानेिये


Tally 4.5

lime Tally 5.4

Tally 6.3

Tally 7.2

Tally 8.1

Tally 9

Tally Prime

Tally.ERP 9 के बाद अब तक का नवीनतम संस्करण है। Tally Prime है। Tally.ERP 9 में 34 ग्रुप पहले सी ही मौजूद होते हैं अगर आप चाहे तो इसमे और ग्रुप बना सकते हैं अपने बिजनेस के हिसाब से और पहले से बने हुए ग्रुप को भी बदल सकते हैं। और टैली में 22 Voucher होते हैं। Groups और Voucher निम्नलिखत है।

GROUP


Bank Accounts👇

बैंक से संबंधित कोई भी कार्य किया जाता है तो इसका ग्रुप बैंक अकाउंट में रखा जाता है।

Bank OCC A/c👇

जब किसी भी बैंक से लोन लिया है तो इसका ग्रुप बैंक OCC A/c या बैंक ODD A/c दोनों से किसी भी एक में रखा जाता है।

Bank OD A/c👇

जब किसी भी बैंक से लोन  लिया है तो इसका ग्रुप बैंक OCC A/c या बैंक ODD A/c दोनों से किसी भी एक में रखा जाता है। इन दोनों का कार्य एक ही होता है।

Branch / Divisions👇

जब किसी भी कंपनी की अलग-अलग राज्यों में कई ब्रांच होती है तो Branch Division के माध्यम से Account Open कर सकता है, इस तरह के अकाउंट को Branch Division में रखा जाता है।

Capital Account👇

जब भी कोई व्यक्ति अपना  व्यापर शुरू करने के लिए जो धनराशि अपने व्यापर में लगाता है, तो इसका Ledger Capital A/c में रखा जाता है।

Cash-in-Hand👇

व्यापार में (नकद रोकड़) जो राशि प्राप्त होती है, तो इसका Ledger Cash-in-Hand ग्रुप में रखा जता है।

Current Assets👇

ऐसी संपत्ति जो कंपनी की बैलेंस शीट जो जरूरी वित्तीय निवेश होता है, जिसे अनिवार्य रूप से एक वर्ष में पूरा किया जाना होता है, इसमें कैश, कैश इक्विवैलेंट्स, अकाउंट रिसीवेबल्स, स्टॉक इन्वेंटरी, मार्केटेबल सिक्योरिटीज, प्री-पेड लायबिलिटी और अन्य लिक्विड एसेट शामिल होते हैं। यह Current Assets कहलाते हैं।

Current Liabilities👇

वर्तमान देनदारियां यह कंपनी के दायित्व हैं जो एक वर्ष के अन्दर भुगतान किए जाने की उम्मीद है, और देनदारियों जैसे खाते देय, अल्पावधि ऋण, देय ब्याज, बैंक ओवरड्राफ्ट और कंपनी की अन्य ऐसी अल्पकालिक देनदारियां शामिल हैं। यह Current Liabilities कहलाती है।

Deposit (Asset)👇

वह सम्पत्ति जो किसी कंपनी के लिए लंबे समय से खरीदी हुई। जमीन या Building (Property) कुछ भी हो। या आपने लम्बे समय किसी जगह पर किया हुआ निवेश भी हो सकता है। जैसे आपने किसी म्यूच्यूअल फंड में लम्बे समय के लिए निवेश किया हो या फिर 1 साल से ज्यादा की Fixed Deposit आदि। यह Deposit Assets कहलाती है।

Direct Expenses👇

यदि किसी भी व्यवसाय (Business) में किसी भी वस्तु का निर्माण होता है। तो वह वस्तु के निर्माण कार्य के समय में लगने वाले :- Wages Expenses, Purchase of Raw material Expenses, Gas & Fuel Expenses आदि। व्यय प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहलाते है।

Direct Incomes👇

यह प्रत्यक्ष आय होती है। Direct Income ऐसी आय से होती है। जो हमे व्यवसाय में सीधे माल बिक्री (Goods Sale) करने के पश्चात होती है। जैसे :- यदि हमारी एक स्टेशनरी की दुकान है और दुकान मे रखे हुए किसी पेन की थोक कीमत 4 रू है, और हम उस पेन को 5 रू मे बेचते हैं। तो हमें सीधे 1 रुपये का फायदा हुआ यह Direct Incomes कहलाती है।

Duties & Taxes👇

किसी भी प्रकार का Tax जैसे-देश के अंदर गुड्स के प्रॉडक्शन और उसकी बिक्री पर लगता है. इस टैक्स को सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) के नाम से भी जाना जाता है, बिक्री माल पर लगाये गये Taxes के Ledger Duties & Taxes Group में रखे जाते हैं।

Expenses (Direct)👇

यदि किसी भी व्यवसाय (Business) में किसी भी वस्तु का निर्माण होता है। तो वह वस्तु के निर्माण कार्य के समय में लगने वाले :- Wages Expenses, Purchase of Raw material Expenses, Gas & Fuel Expenses आदि। व्यय प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहलाते है। Direct Expenses और Expenses Direct दोनो एक ही लेजर है

Expenses (Indirect)👇

या Indirect Expenses अप्रत्यक्ष व्यय, (खर्च) हैं। किसी व्यवसाय में अप्रत्यक्ष व्यय मतलब (Indirect Expenses) ऐसे व्यय है। जो माल (Goods) खरीदी (Purchase) से संबंधित नहीं होते हैं। अर्थात अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses) मे उन व्ययों (खर्चो) को शामिल किया जाता है।

Fixed Assets👇

वह एसेट्स और उपकरण जिसका उपयोग एक व्यवसाय अपनी आय बढ़ाने के लिए करता है। हम अचल संपत्तियों की एक और परिभाषा दे सकते हैं जैसे वह संपत्तियां जो एक वर्ष के अन्दर बेची नहीं जा सकती हैं। यह Fixed Assets कहलाती है।

Income (Direct)👇

यह प्रत्यक्ष आय होती है। Direct Income ऐसी आय से होती है। जो हमे व्यवसाय में सीधे माल बिक्री (Goods Sale) करने के पश्चात होती है। जैसे :- यदि हमारी एक स्टेशनरी की दुकान है और दुकान मे रखे हुए किसी Biscuit की थोक कीमत 9 रू है, और हम उस Biscuit को 10 रू मे बेचते हैं। तो हमें सीधे 1 रुपये का फायदा हुआ यह Direct Incomes कहलाती है। Direct Income और Income(Direct) ये दोनो भी एक ही लेजर है

Income (Indirect)👇

यदि हमारे व्यवसाय मे कुछ भी Waste (बेकार सामान) बेचने से कुछ आय होती है। तो ये अप्रत्यक्ष आय Income Indirect कहलाती है। या हमें बैंक dwara कोई Interest प्राप्त होता है तो यह Indirect Income में दर्ज की जायेगी है।

Indirect Expenses👇

या Expenses Indirect अप्रत्यक्ष व्यय, (खर्च) हैं। किसी व्यवसाय में अप्रत्यक्ष व्यय मतलब (Indirect Expenses) ऐसे व्यय है। जो माल (Goods) खरीदी (Purchase) से संबंधित नहीं होते हैं। अर्थात अप्रत्यक्ष व्यय (Indirect Expenses) मे उन व्ययों (खर्चो) को शामिल किया जाता है। ये दोनो भी एक ही लेजर है

Investment👇

निवेश एक वस्तु, संपत्ति, उत्पाद या कोई अन्य संपत्ति है जिसे भविष्य में आय उत्पन्न करने के लिए खरीदा या उपयोग किया जाता है। एक निवेश किसी भी प्रकार की खरीद हो सकता है जैसे स्टॉक, संपत्ति, व्यवसाय इत्यादि। निवेशित संपत्ति का अधिकतर उपभोग नहीं किया जाता है बल्कि भविष्य की संपत्ति बनाने के लिए रखा जाता है। यह Investment कहलाती है।

Loans & Advances (Asset)👇

ऋण एवं अग्रिम का अर्थ (Meaning of Loans and Advances): बैंक आस्तियों का एक बहुत बडा भाग (Loans and Advances) के रूप में विनियोजित किया जाता है। ऋण एवं अग्रिम पर बैंकों द्वारा ऊंची दर से ब्याज वसूला जाता है, क्योंकि ये कम तरल (Less Liquid) होते हैं जबकि इनमें जोखिम की अधिक संभावना होती है । यह Loans & Advances कहलाते हैं।

Loans (Liability)👇

आसान भाषा में liability का मतलब है कर्ज लेना। जैसे कोई व्यक्ति अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लेते हैं या किसी भी दूसरे व्यक्ति से उधार कर्ज लेते हैं या किसी तरह का सामान अगर हम किसी से मंगवाते है, और उन्हें पैसा बाद में देते हैं, तो यह सारी प्रक्रिया liabilities ही कहलाती है।

Misc. Expenses (ASSET)👇

ऐसे खर्चे जो हमें चुकाने होते है लेकिन, हमें जिस व्यक्ति को पैसे चुकाने है, और वह व्यक्ति काम छोड़ कर चला गया अब हमें ये नहीं पता कि वह आएगा या नहीं तो हम उस व्यक्ति के पैसे Misc(Expenses)में रखेंगे जब वह व्यक्ति कभी भी आयेगा तब हम उसके पैसे चुका देंगे।

Provisions प्रावधानों👇

जब कोई कंपनी का व्यापार शुरू किया जाता हैं। तो उस व्यापार के संचालन (शुरुआत) करने के लिए भविष्य में कभी भी होने वाले निश्चित ख़र्चे के लिए राशि (धन) को अलग से निकाल कर रख लेते हैं। उसे Provisions कहते हैं।

Reserves & Surplus

रिजर्व्स का मतलब है वो रकम जो कंपनी ने किसी खास वजह के लिए रखी है, और इसका इस्तेमाल भविष्य में होना है। सरप्लस वो है जहां पर कंपनी के मुनाफे को दिखाया जाता है। कंपनी के बैलेंस शीट और Profit & Loss दोनों में इसका इस्तेमाल होता है। वित्तीय लेखांकन में एक रिजर्व मूल शेयर पूंजी को छोड़कर, शेयरधारकों की इक्विटी का एक घटक है। एक रिजर्व उस राशि का एक हिस्सा है जिसे किसी विशेष लक्ष्य की पूर्ति के लिए आवंटित किया गया है। लेखांकन में, रिजर्व शब्द का उपयोग भविष्य के कार्यों जैसे बोनस का भुगतान, संपत्ति खरीदने और कानूनी शुल्क का भुगतान करने के लिए अलग रखी गई राशि का वर्णन करने के लिए किया जाता है। सरप्लस का मतलब है एक संपत्ति या संसाधन के उस हिस्से का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है जो सक्रिय रूप से उपयोग की जा रही राशि से अधिक है। बजट के संदर्भ में, सरप्लस एक शब्द है जिसका उपयोग उपयोग की जा रही राशि से अधिक राशि का वर्णन करने के लिए किया जाता है। सरप्लस तब होता है जब अर्जित आय की राशि खर्च किए गए खर्चों से अधिक हो जाती है।

Retained Earnings

Business (व्यवसाय) में भविष्य में होने वाले खर्चों और हानियों को पूरा करने के लिए लाभों मे कुछ हिस्सा रोक कर रखा जाता है। लाभ के रोके गये इस हिस्से को अलग-अलग नामों से रखा जा सकता है। जैसे:- General Reserve, Capital Reserves, Reserve for Decpreciation Sales Accounts

Secured Loans👇

इस तरह का Loan देने के लिए Bank आपसे कोई चीज गिरवी रखवाती है। जैसे आप किसी तरह की संपत्ति गिरवी रखकर ही Secured Loan प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के Loan में आपके द्वारा कोई Security रखी जाती है इसीलिए इसे Secured Loan के नाम से जाना जाता है। यह Property के against दिया जानेवाला Loan है।

Stock-in-Hand👇

माल से जुडे़ खातों को Stock in Hand Group में रखा जाता है। इसमें कच्चा माल, अर्द्धनिर्मित माल, तैयार माल आदि के सभी स्टाॅक को शामिल किया जाता है।

Sundry Creditors👇

विविध लेनदार - जब हम किसी व्यक्ति अथवा किसी संस्था से उधार माल खरीदते है। और उस खरीदे हुए माल का पैसा हमें चुकाना होता है। तो वह हमारा Sundry Creditors कहलाता हैै ।

Sundry Debtors👇

विविध देनदार - ये वो होते है जिनसे कंपनी या किसी संस्था को पैसे वसूलना होता है। देनदार एक व्यक्ति संस्था या कंपनी हो सकती है। कंपनी जिन ग्राहकों को शर्तो के अनुसार उधारी में माल देती है। Sundry Debtors कहलाते है।

Suspense A/c👇

यह एक अस्थायी खाता है जो किसी खाते की पुस्तकों में त्रुटि या त्रुटियों के कारण परीक्षण संतुलन में विसंगतियों को ठीक करने के लिए स्थापित किया जाता है, जबकि लेनदेन के सटीक स्थानों की पहचान की जा रही है।

Unsecured Loans👇

जब कोई लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है, तो वह अनसेक्योर्ड लोन होता है। इस लोन में ग्राहक से किसी तरह की गारंटी नही ली जाती, बैंक अनसेक्‍योर्ड लोन ग्राहक का क्रेडिट स्‍कोर देखकर देते हैं, इसमें बैंक ग्राहक की पिछली रिपेमेंट हिस्‍ट्री, इनकम सोर्स, पिछली सैलरी स्लिप्‍स या इनकम टैक्‍स रिटर्न जैसे फैक्‍ट्स देखकर इसी आधार पर लोन मंजूर करता है. अनसेक्‍योर्ड लोन में सिक्योर्ड लोन की अपेक्षा ब्याज दर अधिक होती है और इनका लोन चुकाने का समय कम रहता है।

ये सब ग्रुप होते हैं जब भी कोई खाता (Ledger) बनाया जाता है, तो वह इन ग्रुप में सेलेक्ट किया जाता हैं।

VOUCHER

Contra

Contra का कार्य बैंक से सम्बंधित लेन-देन और एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है, और बैंक में पैसा जमा करने से लेकर पैसा निकालने का कार्य भी किया जाता है।

Credit Note

क्रेडिट नोट यह सूचित करने के लिए भेजा जाता है कि खरीददारी में जो भुगतान लिया गया था वह उसके वास्तविक दाम से अधिक था। ज्यादातर क्रेडिट नोट को माल खराब या वापसी करने की स्थितियों में क्रेडिट नोट को जारी किया जाता है।

Debit Note

डेबिट नोट ये बताने के लिए भेजा जाता है कि पहले जो सौदा हुआ था उसमें मुझे वास्तविक दाम से कम भुगतान मिला है।

Delivery Note

जब कोई कंपनी किसी Customer (ग्राहक) को माल (सामान) भेजती है तो उस माल के साथ Document (दस्तावेज) के नाम से Delivery Note बनाया जाता है। इसमें माल Delivery की तारीख माल का वितरण माल की मात्रा आदि का विवरण किया जाता है।

Job Work in Order

जॉब वर्क इन ऑर्डर के मामले में, जॉब वर्क प्राप्तकर्ता को निर्मित किए जाने वाले तैयार माल के विवरण, तैयार माल की अपेक्षित मात्रा, प्रमुख निर्माता यानि जॉब वर्क देने वाले द्वारा आपूर्ति की जाने वाली कच्ची सामग्री के विवरण के साथ जॉब ऑर्डर प्राप्त होता है। कच्चा माल यदि किश्तों में दिया जाता है। तो Tally.ERP 9 में उपयोगकर्ता जॉब वर्क इन ऑर्डर वाउचर का उपयोग करके जॉब वर्क इन ऑर्डर रिकॉर्ड कर सकते हैं।

Job Work Out Order

एक व्यावसायिक परिदृश्य में एक निर्माता जो निर्माण कार्य को किसी बाहरी निर्माता (जॉब वर्कर) को सौंपना चाहता है, पहले जॉब वर्कर्स की पहचान करता है जिनके पास नौकरी में विशेषज्ञता है जिसे प्रत्यायोजित करने की आवश्यकता है। फिर विभिन्न जॉब वर्कर्स द्वारा निर्माण की लागत की तुलना करता है और अंत में जॉब वर्कर पर निर्णय लेता है कि निर्माण की लागत, निर्माता की मात्रा, और इसी तरह के अन्य कार्यों के आधार पर जॉब वर्कर को किसको काम सौंपा जाना Job Work Out Order कहलाता है।

Journal

Journal Voucher एक प्रकार का एकाउंटिंग वाउचर है जो कुछ विशेष Entry के लिए उपयोग किया जाता है। टैली में जो Entries Receipt, Payment, Contra, Purchase, Sales आदि Vouchers के माध्यम से नहीं की जाती वो Entries Journal Voucher से ही की जाती है। Account Adjustment के लिए भी Journal Voucher का उपयोग किया जाता है।

Material In

सामानों के भंडारण और रखरखाव के लिए व्यवसायों के पास एक से अधिक गोदाम हो सकते हैं। एक आयातक के लिए, यदि दो इकाइयां/भंडार हैं और माल एक इकाई से दूसरी इकाई में ले जाया जाता है, तो सामग्री इन/मटेरियल आउट वाउचर का उपयोग करके माल की इस आवाजाही को रिकॉर्ड किया जाता है।

Material Out

सामान के भंडार एबीसी कंपनी की दो इकाइयां हैं, गोदाम ए और गोदाम बी तो जब माल गोदाम ए से गोदाम बी में स्थानांतरित (Transfer) किया जाता है तो सामान का रिकॉर्ड Material Out में किया जाता है।

Memorandum

यह एक गैर-लेखा वाउचर है और मेमो वाउचर का उपयोग करके की गई प्रविष्टियाँ आपके खातों को प्रभावित नहीं करेंगी। दूसरे शब्दों में, Tally.ERP 9 इन प्रविष्टियों को बहीखातों में पोस्ट नहीं करता है, लेकिन उन्हें एक अलग मेमोरेंडम रजिस्टर में संग्रहीत करता है। जब आप अपनी पुस्तकों में प्रविष्टि लाने का निर्णय लेते हैं तो आप मेमो वाउचर को नियमित वाउचर में बदल सकते हैं और परिवर्तित कर सकते हैं। यदि कंपनी अपने कर्मचारी को वाहन व्यय (खर्च) के लिए 5000 रुपये नकद अग्रिम के रूप में भुगतान करती है। इसके लिए, आपको वाहन व्यय खाते को डेबिट करना होगा और नकद खाते को क्रेडिट करना होगा। आप इस लेनदेन को मेमोरेंडम वाउचर में रिकॉर्ड कर सकते हैं।

Payment

Business (व्यापार) में होने वाले नगद और उधार क्रय-विक्रय जिसमे हमें Payment (भुगतान) करना एवं Payment प्राप्त करना होता है, जैसे आपने Business में Ashok Traders से 5000 रुपये का गुड्स। (माल) खरीदा, तो आपको 5000 रुपये Payment (भुगतान) करना होगा इस Entry को Payment कहा जाता है।

Physical Stock

भौतिक स्टॉक वाउचर का उपयोग वास्तविक स्टॉक को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है जिसे सत्यापित या गिना जाता है। हो सकता है कि बुक स्टॉक्स और फिजिकल स्टॉक मैच न करें। यह असामान्य नहीं है कि कंपनी वास्तविक स्टॉक और कंप्यूटर स्टॉक आंकड़े के बीच एक विसंगति पाती है। फिजिकल वाउचर रिकॉर्डिंग उद्देश्यों के लिए तभी उपयोगी होंगे जब आपने भौतिक स्टॉक अंतरों को अनदेखा करने के लिए इन्वेंट्री वाउचर को कॉन्फ़िगर किया हो। यदि आपने वाउचर को कॉन्फ़िगर किया है ताकि भौतिक स्टॉक अंतर को नजर अंदाज न किया जाए, तो भौतिक स्टॉक वाउचर के बाद के सभी लेनदेन उस वाउचर में उल्लिखित शेष राशि का उपयोग करेंगे।

Purchase

जब एक व्यापारी किसी दूसरे व्यक्ति या Traders के पास से कोई सामान(Stock) खरीद कर लाता है, तो उसकी एकाउंटिंग मेंटेन करने के लिए परचेज वाउचर का प्रयोग किया जाता है।

Purchase Order

Purchase Order एक खरीद आदेश है, जिसे अक्सर PO के रूप में संक्षिप्त किया जाता है, एक खरीदार द्वारा विक्रेता को जारी किया गया एक वाणिज्यिक दस्तावेज है, जो आवश्यक उत्पादों या सेवाओं के प्रकार, मात्रा और सहमत कीमतों को दर्शाता है। इसका उपयोग बाहरी आपूर्तिकर्ताओं से उत्पादों और सेवाओं की खरीद को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

Receipt

जब आप किसी भी तरह से भुगतान प्राप्त करते हैं, तो आप उस लेन-देन को रसीद वाउचर (Receipt) में रिकॉर्ड कर सकते हैं। आपको अपने ग्राहकों से लंबित भुगतानों के लिए एक संकेत भी मिलेगा। जब आप भुगतान प्राप्त करते हैं तो आप लेन-देन रिकॉर्ड कर सकते हैं और भुगतान प्राप्त करने के लिए सही मोड का चयन कर सकते हैं- नकद, चेक या अन्य मोड और संबंधित साधन संख्या का उल्लेख करें। रसीद वाउचर के साथ, अब आप अपने ग्राहकों के साथ प्रभावी ढंग से अपनी बिक्री की पारदर्शिता बनाए रख सकते हैं।

Receipt Note

Receipt Note (रसीद नोट) वाउचर का उपयोग दुकानों पर माल/वस्तुओं की रसीद रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए , कंपनी को आपूर्तिकर्ता से नया स्टॉक आइटम प्राप्त होता है। यदि उस आपूर्ति के लिए कोई खरीद आदेश मौजूद है, तो रसीद नोट में पीओ संदर्भ का चयन करने से उसका विवरण प्रदर्शित होगा।

Rejection In

वाउचर में अस्वीकृति (बिक्री रिटर्न) वाउचर में रिजेक्शन का उपयोग उन सामानों को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है जिन्हें ग्राहक द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है और वापस कर दिया जाता है।

Rejection Out

अस्वीकृति वाउचर (खरीद रिटर्न) रिजेक्शन आउट वाउचर उन सामानों को रिकॉर्ड करता है जिन्हें अस्वीकार कर दिया जाता है और आपूर्तिकर्ता को वापस कर दिया जाता है।

Reversing Journal

रिवर्सिंग जर्नल्स रजिस्टर रिवर्सिंग जर्नल विशेष जर्नल होते हैं जो एक निर्दिष्ट तिथि के बाद स्वचालित रूप से रिवर्स हो जाते हैं। वे केवल निर्दिष्ट तिथि तक ही अस्तित्व में रहते हैं और तभी प्रभावी होते हैं जब उन्हें बैलेंस शीट जैसी रिपोर्टों में शामिल किया जाता है। इनका उपयोग वित्तीय वर्ष के दौरान अंतरिम रिपोर्टिंग में किया जाता है जहां संचय की सूचना दी जानी है। ये संचय आम तौर पर अल्पकालिक होते हैं और बाद की अवधि में साफ़ हो जाते हैं। हालाँकि, उचित परिप्रेक्ष्य प्राप्त करने के लिए, निर्णय निर्माताओं को सभी पहलुओं और लेनदेन के पूर्ण प्रभाव वाली रिपोर्ट की आवश्यकता होती है।

Sales

जब हम कोई व्यापार शुरू करते हैं, तो उस व्यापार में जो भी वस्तुएं (Items) या सेवाएं (Services) बेचते हैं, तो उस माल (goods) की एकाउंटिंग मेंटेन करने के लिए और ग्राहक को बेची गई माल की पर्ची (Bill) देने के लिए Sales Voucher का प्रयोग किया जाता है।

Sales Order

यह एक विक्रय आदेश एक दस्तावेज़ है जो विक्रेता द्वारा ग्राहक के साथ तैयार और साझा किया जाता है। एक बार जब आपको आवश्यक उत्पाद के विवरण के साथ ग्राहक से खरीद आदेश प्राप्त हो जाता है, तो आप बिक्री आदेश जारी करके उस उत्पाद की बिक्री और वितरण की पुष्टि कर सकते हैं। एक बार सामान वितरित हो जाने के बाद, आप बिक्री आदेश के विरुद्ध बिक्री रिकॉर्ड कर सकते हैं। आप बिक्री आदेश के विरुद्ध डिलीवरी नोट भी रिकॉर्ड कर सकते हैं और फिर डिलीवरी नोट के विरुद्ध बिक्री रिकॉर्ड कर सकते हैं।

Stock Journal

यह एक स्टॉक जर्नल वाउचर जिसमें सभी प्रकार के स्टॉक समायोजन दर्ज किये जाते हैं। स्टॉक समायोजन निम्न के कारण हो सकता है। अंतर-गोदाम स्थानांतरण Stock Journal यह सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए उपयोगी है। स्टॉक की मात्रा वही रहती है, लेकिन स्थान बदल जाता है। माल के स्थानांतरण में शामिल अतिरिक्त लागत/व्यय। आप सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के संबंध में होने वाली अतिरिक्त लागत का भी हिसाब लगा सकते हैं। स्टॉक की बर्बादी या स्टॉक की कमी के लिए लेखांकन स्टॉक वस्तुओं की कमी या बर्बादी हो सकती है, मात्रा में परिवर्तन हो सकता है। ऐसे मामलों में, आपको स्टॉक आइटम में वृद्धि या कमी के लिए स्टॉक जर्नल दर्ज करना होगा।


ये सभी Vouchers होते है, Ledger बनाने के बाद जब Entry की जाती है तब इन्हीं Vouchers का प्रयोग किया जाता है।

टैली सॉफ्टवेयर को आप किसी भी संस्थान में बेसिक लेवल से लेकर एडवांस लेवल तक सिख सकते हैं, आप अपने लैपटॉप PC से घर पर भी टैली सिख सकते हैं सोशल मीडिया, पोस्ट, यूट्यूब आदि के द्वारा तो दोस्तों अब आप मेरे ब्लॉग द्वारा टैली को बहुत ही आसाानी से सिख सकते हैं, दोस्तों मेरी पोस्ट को पूूरा  पढ़े तो आपको टैली बहुत अच्छे से समझ आ जाएगी।



आप गूगल से टैली सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें फिर अपने लैपटॉप या पीसी में Tally Install करने के बाद Trial Work in Edcational Mode को सेलेक्ट करके Esc (Escape) Button दबाये आप टैली बहुत आसानी से सिख सकते हैं। (Esc) Escape Button दबाने के बाद आप सबसे पहले Create Company को Select करके Enter करे फिर कंपनी में सब विवरण भरे, जैसे
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कंपनी का नाम
कंपनी का पता
देश
राज्य
पिन कोड
फोन नंबर (यदि लैंडलाइन नंबर हो)
मोबाइल नंबर
फैक्स नंबर (यदि फैक्स नंबर हो)
ईमेल
वेबसाइट

पासवर्ड भी दे सकते हैं यदि आपको अपना डेटा सुरक्षित रखना है तो आप दो पासवर्ड दे सकते हैं, पहला Security Control और दूसरा Use Security Control को Yes करके सभी जानकारी भरने के बाद Ctrl+A दबाये फिर एक New Company Create हो जाएगी। Company बनाने के बाद Accounts Info में Ledger Create करें। Tally.ERP 9 में Cash-in-Hand और Profit & Loss पहले से ही बने हुए होते हैं इनको बनाने की आवश्यकता नहीं होती।

GST (Goods & Service Tax) 1 July 2017 को Applicable (लागू ) हुआ। CGST (Central Goods & Service Tax SGST (State Goods & Service Tax) GST Percentage - 5%, 12%, 18% and 28%


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